• धार्मिक आस्था

    गौतम बुद्ध: पूजा के बजाय आंतरिक शांति की ओर

    गौतम बुद्ध का दृष्टिकोण गौतम बुद्ध, जिन्हें सद्धर्म और अहिंसा के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, ने हमेशा पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों से परे जाने का संदेश दिया। उन्होंने अपने अनुयायियों को सिखाया कि सच्चा ज्ञान और शांति व्यक्ति के भीतर से आते हैं। उनकी शिक्षाओं में किसी भी प्रकार की बाहरी पूजा की अनिवार्यता नहीं थी। आंतरिक साधना का महत्व गौतम बुद्ध के अनुसार, पूजा करने की बजाय आत्म-विश्लेषण और ध्यान करना अधिक महत्व रखता है। उन्होंने सिखाया कि ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने मन को शांत कर सकता है और अपने अंदर की सच्चाई को…