• ईश्वर क्या है

    प्रेरणा दयाक सुबिचार

    1- ईश्वर का ध्यान कर लेने पर मनुष्य का आकार वही रहता है, परंतु उससे अशुभ कर्म नहीं होते। अर्थात जो व्यक्ति अपना सबकुछ ईश्वर को समझकर सांसारिक कार्य करता है वो कभी गलत कार्य नहीं करता। 2- ईश्वर का दर्शन कर लेने पर मनुष्य फिर जगत् (संसार) के जंजाल-में नहीं पड़ता, ईश्वर को छोड़कर एक क्षण भी उसे शान्ति नहीं मिलती, एक क्षण भी ईश्वर को छोड़ने में मृत्यु-कष्ट होता है। 3- ईश्वर के पास जाने के अनेकों उपाय हैं। सभी धर्म इसी के उपाय दिखला रहे हैं। 4- हे मनुष्यों! तुम संसार की बातों में भूले-बिसरे, यह सब…

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    ईश्वर और भगवान में क्या अंतर है?

    ईश्वर और भगवान, दोनों ही सर्वोच्च शक्ति के नाम हैं. ईश्वर को परमात्मा, प्रभु, और स्वामी भी कहा जाता है. ईश्वर को लेकर अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग मान्यताएं हैं.  ईश्वर की अवधारणा: ईश्वर से जुड़े कुछ विचार: “अधूरा नहीं, पूरा पड़े”

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    भगवान शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई

    “भगवान” शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द “भगवत” से हुई है, जिसका अर्थ है “भाग्यशाली”, “धन्य”, “दिव्य” या “आराध्य”. यह शब्द “भग” धातु से बना है, जिसका अर्थ है “भाग्य”, “धन” या “ऐश्वर्य”. “भगवान” शब्द का उपयोग उन व्यक्तियों या सत्ता के लिए किया जाता है जिन्हें दिव्य या आराध्य माना जाता है, विशेष रूप से हिंदू धर्म में.  भगवान शब्द का अर्थ: “भगवान” शब्द का उपयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे कि: निष्कर्ष: “भगवान” शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा में हुई है और इसका अर्थ है “भग से युक्त व्यक्ति” या “भगवान”. यह शब्द अक्सर ईश्वर, आराध्य सत्ता, या…

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    धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा: एक नई दुनिया की खोज

    धार्मिक यात्रा का महत्व धार्मिक यात्रा केवल एक भौतिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह आत्मिक विकास और आध्यात्मिक जागरूकता का माध्यम भी है। जब हम किसी तीर्थ स्थल या धार्मिक स्थान पर जाते हैं, तो हम न केवल भौतिक रूप से वहां उपस्थित होते हैं, बल्कि हमारे मन और आत्मा पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। इस प्रकार की यात्रा हमें अपने अंदर गहराई से देखने और समझने की प्रेरणा देती है। आध्यात्मिक अनुभवों की खोज आध्यात्मिक यात्रा का उद्देश्य हमारे भीतर की शांति और संतुलन को ढूंढना है। यह यात्रा न केवल धार्मिक स्थलों का भ्रमण है, बल्कि व्यक्तिगत…

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    धार्मिक यात्रा और आध्यात्मिक अनुभवों का महत्व

    धार्मिक यात्रा का उद्देश्य धार्मिक यात्रा न केवल एक भौतिक यात्रा है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम भी है। ऐसे स्थानों की यात्रा करना जहाँ धार्मिकता और आध्यात्मिकता का समागम होता है, व्यक्ति को आत्मिक संतोष और मानसिक शांति प्रदान करता है। यहाँ, लोग अपने विश्वासों को यह जानने का प्रयास करते हैं कि ये धार्मिक स्थल उनके जीवन में कैसे सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आध्यात्मिक ट्रैवल के फायदे आध्यात्मिक ट्रैवल का मुख्य उद्देश्य आत्मज्ञान प्राप्त करना है। जब कोई व्यक्ति इन स्थलों पर जाता है, तो वह अपने जीवन के उद्देश्य और दिशा को समझने में…