• धार्मिकता और आध्यात्मिकता

    भगवान को मंदिर से ज्यादा मनुष्य का हृदय पसंद है

    भगवान और भक्त का संबंध भगवान और भक्त के बीच का संबंध एक दीर्धकालिक और अभूतपूर्व बंधन है, जो केवल भौतिक रूप से मंदिरों तक सीमित नहीं है। इस संबंध की गहराई को समझने के लिए, यह आवश्यक है कि हम भक्त के हृदय में धर्म और विश्वास के अनुरूप भावनाओं को पहचानें। जब कोई भक्त ईश्वर के प्रति सच्चे प्रेम और समर्पण का अनुभव करता है, तब वह केवल प्रार्थना या पूजा नहीं करता, बल्कि एक अदृश्य बंधन में बंध जाता है, जो उसे भगवान के करीब लाता है। मंदिर भले ही भगवान की स्तुति के लिए विशेष स्थान…